वास्ते हज़रत मुराद-ए- नेक नाम       इशक़ अपना दे मुझे रब्बुल इनाम      अपनी उलफ़त से अता कर सोज़ -ओ- साज़    अपने इरफ़ां के सिखा राज़ -ओ- नयाज़    फ़ज़ल-ए- रहमान फ़ज़ल तेरा हर घड़ी दरकार है फ़ज़ल-ए- रहमान फ़ज़ल तेरा हो तो बेड़ा पार है

 

 

हज़रत  मुहम्मद मुराद अली ख़ां रहमता अल्लाह अलैहि 

 

 हज़रत सय्यद शमस उद्दीन सहराई

 

रहमतुह अल्लाह अलैहि

 

मोलफ़ किताब आईना तसव्वुफ़ के मुताबिक़ हज़रत सय्यद शाह शमस उद्दीन सहराई रहमतुह अल्लाह अलैहि १७ रमज़ान उल-मुबारक ७९८ हिज्री बरोज़ पंजशंबह अस्र के वक़्त फ़िरोज़ पर में पैदा हुए। आप ने १६ रबी उलअव्वल ८०९ हिज्री को दो शंबा के रोज़ सहि पहरके वक़्त हज़रत सय्यद अक़ील शाह रहमतुह अल्लाह अलैहि सेसमर क़ंद के मुक़ाम पर ख़िलाफ़त हासिल की।

हज़रत सय्यद शाह शमस उद्दीन सहराई रहमतुह अल्लाह अलैहि १५ रबी आलाख़र ८९९ हिज्री बरोज़ सहि शंबा को इस दार फ़ानी से रुख़स्त हुए । आप का मज़ार शरीफ़ सहराए समर क़ंद में वाक़्य है

नोट:। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि के हालात-ए-ज़िंदगी बावजूद कोशिश के कहीं से नहीं मिल सके।क़दीम कुतुब में जो कुछ मिला मैंने लिख दिया। अगर किसी साहिब के पास हूँ तो "राबिता करें" को क्लिक करके हमारे साथ राबिता क़ायम करें और इस कार-ए-ख़ैर में हिस्सादार बने। या नीचे दिए गए ई मेल ऐडरैस पर राबिता करें।

इसरार-उल-हक़

Israr Ul Haq

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